Author(s):  जयप्रदा१, डॉ.अनामिका सिंह२, डॉ. भारती यादव३ 
अमूर्त:
अच्छे पोषण का अर्थ है एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली, कम बीमारी, बेहतर स्वास्थ्य और एक उत्पादक समाज। भारत में, अधिकांश स्कूली बच्चे कुपोषित हैं, मुख्य रूप से अल्पपोषित। यह समीक्षा भारत के विभिन्न क्षेत्रों के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बच्चों में वेस्टिंग, स्टंटिंग, अधिक वजन और मोटापे की व्यापकता जानने के लिए की गई है। इस उद्देश्य के लिए, विभिन्न स्रोतों जैसे रिसर्च गेट, पबमेड, गूगल स्कॉलर, अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन और विभिन्न एजेंसियों के सर्वेक्षणों जैसे भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और विभिन्न राज्य सरकारों की वेबसाइटों का उपयोग करके तीस अध्ययनों की समीक्षा की गई। डेटा संग्रह के लिए सभी अध्ययनों में आहार संबंधी साक्षात्कार और मानवशास्त्रीय माप का उपयोग किया गया। विभिन्न अध्ययनों के परिणाम बताते हैं कि कम वजन वाले बच्चों की सीमा 6.6% से 83% तक है। बौनेपन की व्यापकता 13.8% से 56.1% तक, दुर्बलता की व्यापकता 6.7% से 75% तक, और कम वज़न की व्यापकता 6.6% से 83% तक है। यह निष्कर्ष निकाला गया कि बच्चों में कुपोषण एक बड़ी समस्या है और इस समस्या से निपटने के लिए बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है।
मुख्य शब्द:  कुपोषण, अल्पपोषण, बौनापन, दुर्बलता, कम वजन। 
   
DOI: 10.61165/sk.publisher.v12i9.4
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 माता पिता के वर्तमान शिशु पोषण प्रथाओ का विश्लेष्ण और इसका प्री स्कूल बच्चों की पोषण स्थिति पर प्रभाव, उत्तर प्रदेश के जनपद फिरोजाबाद के विशेष सन्दर्भ में 
Pages:32-49
