Volume 12, Issue 3, March - 2025

स्वास्थ्य में मर्दन (कूटने) का महत्व

Author(s): दीपक शर्मा

शोधालेख सार: प्रस्तुत लघु शोध में समाज में स्वास्थ्य के प्रति कूटने की परंपरा को पुनः स्थापित करने के प्रति जागरुकता का अध्ययन किया गया है। कूटना आज शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, चारित्रिक स्वास्थ्य के संबंध में बहुत ही महत्व रखता है। इस लघु शोध में वर्णात्मक शोध विधि का प्रयोग किया गया है, इसमें हरियाणा राज्य के पलवल जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों को शामिल किया गया है व यादृच्छा विधि के द्वारा जो व्यक्ति प्राचीन परंपरा से चली आ रही जीवन शैली को जानते हैं, उनमें से 60 व्यक्तियों का चयन किया गया है इस लघु शोध का प्रमुख उद्देश्य इन व्यक्तियों में प्राचीन प्रक्रिया (कूटने) के प्रति जागरुकता का पता लगाना है। प्रस्तुत लघु शोध में पाया गया कि अधिकतर व्यक्ति नियमित रूप से आहार व विहार में कूटने की प्रक्रिया का पालन तो नहीं करते हैं लेकिन प्राचीन जीवन शैली से प्रभावित हैं जिसके कारण इन व्यक्तियों का मानना है कि भोजन व विहार (व्यवहार) में परिवर्तन आया है और प्राचीन जीवन शैली की कुछ परंपराओं के द्वारा स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याओं का समाधान किया जा सकता है, उनको पुनः व्यवहार में लाने की आवश्यकता है ।

मुख्य शब्द: परम्परा, यौगिक आहार, स्फूर्ति - शक्ति, समरसता, हठयोग, त्रिर्दोष, एकात्म, समस्थिति, भावनात्मक व्यवहार ।

DOI:10.61165/sk.publisher.v12i3.6

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स्वास्थ्य में मर्दन (कूटने) का महत्व


Pages:40-46

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शर्मा, दीपक. (2025). स्वास्थ्य में मर्दन (कूटने) का महत्व. SK INTERNATIONAL JOURNAL OF MULTIDISCIPLINARY RESEARCH HUB, 12(3), 40-46. https://doi.org/10.61165/sk.publisher.v12i3.6

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