Author(s) : डा. कुलदीप राव (शोध निर्देशक)१ , पुष्पा रानी (शोधार्थी)२
शोधालेख सार: उत्तर भारत में हरियाणा राज्य 1 नवम्बर 1966 में अस्तित्व में आया जब पंजाब का विभाजन हुआ। करनाल का क्षेत्र हरियाणा में शामिल हुआ। जिला करनाल में करनाल, पानीपत, कुरुक्षेत्र, कैथल का क्षेत्र शामिल हुआ। इस जिले में विभिन्न धर्मो, समुदायों, भाषाओं, संस्कृतियों, सभ्यताओं के लोग शामिल थे। यहाँ के निवासी किसी एक जाति, धर्म, सम्प्रदाय के ना होकर विभिन्नता में एकता के दर्शन करवाते हैं। यहाँ सभी धर्मो के एतिहासिक स्थल, धार्मिल स्थल एवं दार्शनिक स्थल शामिल है जो प्राचीन काल से लेकर मध्यकाल एवं आधुनिक काल से सम्बन्धित जानकारी देने के साथ‐साथ लोगों में एकता, अखण्डता, भाइचारे की नींव को सुदृढ़ करता है। जब हम अपने इतिहास को अपने सामने देखते हैं, एतिहासिक स्थलों का भ्रमण करते हैं। सामाजिक तानेबाने को जो प्राचीन से वर्तमान काल तक ज्यों का ज्यों एक सूत्र में बंधा है से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। समय परिवर्तनशील है। जो आज है वह कल नहीं होगा इस सत्य को जानने का अद्भुत उदाहरण प्रकट करते हैं। अपने इतिहास को किस प्रकार संजोया जा सकता है। धार्मिक स्थलों, रीति‐रिवाजों, पूजा पाठ, एतिहासिक स्थलों, त्योहारों के द्वारा अपनी सभ्यता संस्कृृति को युवाओं में जिन्दा रखने का एक महत्वपूर्ण साधन है। जिला करनाल के निवासी इन सभी स्थलों को बहुत महत्व देते हैं और ये उनके जीवन का एक हिस्सा है। देश, विदेश से पर्यटक यहाँ एतिहासिक, धार्मिक, दार्शनिक स्थलों का भ्रमण करने हेतु आते हैं जिससे जिला करनाल को आर्थिक, सामाजिक रूप से उन्नति के शिखर प्रदान करता है। जिले को जीवनदान देता है। सजीवता प्रदान करता है। हरियाणा राज्य के उत्थान में जिला करनाल तथा यहाँ के निवासियों का महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि उन्होंने अपनी भारतीय सभ्यता, संस्कृति, रहन‐सहन, खानपान, भाषा मनोरंजन, कला को जीवित रखा है। जिसे पर्यटक अपनी धार्मिक एवं ऐतिहासिक यात्रा के दौरान महसूस करते हैं। यह जिला धर्मनिरपेक्षता, भाईचारे, एकता, अखण्डता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है जिस कारण पर्यटन को बढ़ावा मिलता है। राज्य में ही नहीं देश में और विश्वमानचित्र में एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल के रूप में स्वयं को स्थापित करता है जिससे यहां के लोगों के सामाजिक जीवन को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका अदा की है।
मूल शब्द: धर्म, समुदाय, सभ्यता, संस्कृति, दार्शनिक स्थल।
DOI:10.61165/sk.publisher.v11i1.3
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ऐतिहासिक, धार्मिक, दार्शनिक स्थल एवं उनका सामाजिक महत्व: जिला करनाल के सन्दर्भ में (1966‐2011)
Pages:13-19