Volume 10, Issue 10, October - 2023

योग में मन्त्र शक्ति रहस्य

Author(s): दीपक शर्मा

शोध आलेख सार: मंत्र को विधि-विधान पूर्वक जप करने से निश्चित ही सफलता प्राप्त होती है। क्योंकि मंत्र तभी पूर्ण होगा जब उसके साथ जो क्रिया-पद्धति है उसे सम्पन्न किया जाये। जैसे गेहूँ का चूर्ण रोटी नहीं होता, अपितु उसमें वांछित सभी सामग्री यथा जल, लवण इत्यादि मिलाकर अग्नि पर पकाने पर ही रोटी बन भूख शान्त कर पाती है, उसी प्रकार जब तक मंत्र एवं उसकी पद्धति का पूर्ण ज्ञान नहीं होता जब तक उससे पूरा लाभ नहीं उठाया जा सकता। अतः मन्त्र शक्ति अद्‌भुद एवं चमत्कारी है, और जो इसे सिद्ध कर लेता है, वह साधक इनसे कल्याण एवं सुख को प्राप्त करता है। अतः यह सिद्ध है कि साधक शुद्ध पूर्ण भाव से जितने अधिकाधिक मंत्र जप करता जायेगा उतना ही उसका भाव, दृढ़ता उसके प्रति बनती जायेगी और उतना ही उसका आनन्द की प्राप्ति होगी अर्थात् जिस पद्धति से हम जप अनुष्ठान करेंगे उसी प्रकार से हमें सार्थकता (सिद्धि) प्राप्त होगी।

मुख्य शब्द: महामंत्र, अन्तः चेतना, महापातक, धर्मानुष्ठान, तर्कबुद्धि, यज्ञकुण्ड, भावनावाद ।

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Pages:24-28

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