Author(s):सुनीता
शोध आलेख सार: ध्रुवस्वामिनी जयशंकर प्रसाद जी ने राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक चेतना का उत्कृष्ट रूप प्रस्तुत किया है | वास्तव में प्रसाद जी इतिहास से कथावस्तु का आधार ग्रहण करते हुए अतीत पर वर्तमान का चित्र प्रस्तुत करने में सिद्धस्त व नाटक शिल्पी मने जाते है | इसके साथ-साथ प्रसाद जी भारत के अतीत के गौरव एवं महत्ता प्रस्तुत करने के साथ-साथ भारतीय सांस्कृतिक मूल तत्व-आध्यात्मिकता, शरणागत, वत्सला, नारी के प्रति सन्मान, उदात्त मानव मूल्य, शौर्य एवं पराक्रम आदि निर्धारित किए है, वही प्रसाद जी के नाटकों में सर्वत्र दॄष्टिगत होते है |
मुख्य शब्द: राष्ट्रीय, सांस्कृतिक, आध्यात्मिकता, विवाह-समस्या, मोक्ष , सदाचार , संयम |
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Download Full Article: जयशंकर प्रसाद रचित ध्रुवस्वामिनी नाटक में राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक चेतना
Pages:12-14