Volume 12, Issue 3, March - 2025

हरियाणा में संकटग्रस्त वन्यजीवनः स्थिति, कारण तथा निवारण दशा और दिशा

Author(s): अमित कुमार, डॉ. कृष्ण कुमार, डॉ. महेंद्र सिंह

शोधालेख सारः कभी हरियाणा क्षेत्र वन्य जीवों के मामले में काफी समृद्ध क्षेत्र था, लेकिन आजकल यहाँ पर वन्यजीव विरले ही दिखते है। तत्कालीन पंजाब का दक्षिणी और दक्षिणी-पूर्वी हिस्सा 1 नवंबर, 1966 को हरियाणा राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। तत्कालीन पंजाब प्रांत का यह हिस्सा अपेक्षाकृत कम विकसित था। इसलिए राज्य को अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में विकसित करना राज्य के प्रारंभिक प्रशासन का प्रयास था। इन विकासों से राज्य में भूमि उपयोग और जल संसाधन खपत में बहुत परिवर्तन आया है और इन सब के कारण पहले के परिदृश्य का चेहरा बहुत बदल गया है। राज्य की जैव विविधता पर इन परिवर्तनों का बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। हरियाणा के गठन के बाद वन्यजीव की संख्या और तेजी से घटी है, जिसे रोकने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर काफी प्रयास किए जा रहे है।

मुख्य शब्दः हरियाणा, वन्यजीव संरक्षण, राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभ्यारणए, जैव विविधता ।

DOI:10.61165/sk.publisher.v12i3.3

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हरियाणा में संकटग्रस्त वन्यजीवनः स्थिति, कारण तथा निवारण दशा और दिशा


Pages:12-19

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अमित कुमार., डॉ. कृष्ण कुमार. & डॉ. महेंद्र सिंह. (2025). हरियाणा में संकटग्रस्त वन्यजीवनः स्थिति, कारण तथा निवारण दशा और दिशा. SK INTERNATIONAL JOURNAL OF MULTIDISCIPLINARY RESEARCH HUB, 12(3), 12–19. https://doi.org/10.61165/sk.publisher.v12i3.3

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