Author(s): डा. कुलदीप राव (शोध निर्देशक)१ , पुष्पा रानी (शोधार्थी)२
शोधालेख सार: 21वीं शताब्दी में भारत सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक तीनों क्षेत्रों में विश्व पटल पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा है, जिसका मुख्य कारण समाज में महिलाओं की मजबूत स्थिति का होना है। हर क्षेत्र में महिलाएँ पुरुषों के समान कार्य कर रही हैं जबकि भारतीय इतिहास में प्राचीन काल, मध्यकाल, आधुनिक काल में महिलाओं की स्थिति दयनीय, शोचनीय, असहनीय प्रतीत होती है। पुरुष प्रधान समाज में स्त्री को वह स्थान प्राप्त नही था जो वर्तमान समय में मिला है। वह शिक्षित, आत्मनिर्भर, आत्मविश्वास से परिपूर्ण हैं। पुरुषों के समान महिलाओं को भी समान अधिकार मिले हैं। जबकि वैदिक काल को छोड़कर प्राचीन, मध्य एवं आधुनिक काल में नारी विभिन्न कुरीतियों एवं रूढ़ीवादी विचारधारा और परम्पराओं से घिरे समाज में अपना जीवन यापन करती थी। वह केवल भोग विलास की वस्तु बनकर रह गई थी। शंकराचार्य के अनुसार “नारी नरक का द्वार है” से नारी की दयनीय स्थिति की जानकारी मिलती है। केवल उच्च कुल की महिलाओं को पुरुषों के समान स्थान, सम्मान एवं अधिकार प्राप्त थे। आज भारत ही नहीं भारत के सभी राज्यों में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले राज्य हरियाणा के जिले करनाल का नाम भी बहुत से कारणों से प्रसिद्ध है जिसमें से एक कारण महिला सशक्तिकरण है।
मूल शब्द: सशक्तिकरण, परम्पराएं, रूढ़ीवादी, आधुनिक काल, महिला शिक्षा।
DOI:10.61165/sk.publisher.v11i7.3
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21वीं शताब्दी में महिलाओं की स्थिति: जिला करनाल के संदर्भ में
Pages:11-15