Special Issue: Volume 11, Issue 12, December - 2024

वैदिक काल में महिलाओं की सामाजिक, शैक्षिक और राजनीतिक स्थिति का विश्लेषणात्मक अध्ययन

Author(s): निशीकांत दत्‍तात्रय देशपांडे

सारांश: वैदिक काल भारतीय सभ्यता के विकास का एक महत्वपूर्ण और परिभाषित काल था, जो बौद्धिक, आध्यात्मिक और सामाजिक उन्नति से परिपूर्ण था। इस काल को न केवल धार्मिक, दार्शनिक और वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए जाना जाता है, बल्कि यह महिलाओं के लिए एक स्वर्णिम युग के रूप में भी प्रसिद्ध है। इस समय महिलाओं का न केवल सांस्कृतिक अनुष्ठानों में योगदान था, बल्कि वे बौद्धिक चर्चाओं, धार्मिक कार्यों और समाज के विभिन्न पहलुओं में सक्रिय रूप से भागीदार थीं। महिलाएँ जैसे कि गार्गी, वाचकनवी, मैत्रेयी और लोपमुद्रा जिन्होंने दार्शनिक, विद्वान और आध्यात्मिक प्रमुखों के रूप में अद्वितीय योगदान दिया, उनके कार्य आज भी भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। यह शोध पत्र वैदिक काल में महिलाओं के योगदानों पर प्रकाश डालते हुए उनके सामाजिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक योगदानों की समीक्षा करता है और यह दर्शाता है कि यह काल महिलाओं के लिए किस प्रकार स्वर्णिम युग था।

बीज शब्‍द: वैदिक काल, महिलाएं, शिक्षा, राजनीति, विदुषी महिलाएं, सामाजिक स्थिति, प्राचीन भारत, दर्शन।

DOI:10.61165/sk.publisher.v11i12.78

Download Full Article from below:

वैदिक काल में महिलाओं की सामाजिक, शैक्षिक और राजनीतिक स्थिति का विश्लेषणात्मक अध्ययन


Pages:399-407

Cite this aricle
देशपांडे, निशीकांत दत्‍तात्रय. (2024). वैदिक काल में महिलाओं की सामाजिक, शैक्षिक और राजनीतिक स्थिति का विश्लेषणात्मक अध्ययन. SK International Journal of Multidisciplinary Research Hub, 11(12), 399–407. https://doi.org/10.61165/sk.publisher.v11i12.78

Creative Commons License
This work is licensed under a
Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivs 2.5 India License